उत्तरप्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फसलों में हुए नुकसान को तत्काल राहत देने का दिया निर्देश

लखनऊ: प्रदेश में चार दिन पहले से मौसम के एकाएक बदले रुख के कारण किसान जिस बात से डरे-चिंतित थे, खेतों में अब वही हकीकत के रूप में सामने है। फसल बर्बादी देख अन्नदाता का दिल बैठा जा रहा है। तीन दिनों के दौरान तकरीबन हर जिले में बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा से फसलों का भारी नुकसान नजर आने लगा है। कहीं खेतों में बिछी गेहूं की फसल तो कहीं पानी में डूबी सरसों और अरहर।

असमय वर्षा से फसलों को नुकसान

असमय वर्षा ने किसानों की तो चिंता बढ़ाई ही है, रबी में रिकार्ड उत्पादन की सरकार की आस को झटका दिया है। आधिकारिक आंकड़े आने में समय लगेगा लेकिन मौके की हकीकत और किसानों के उतरे चेहरे बता रहे, फसल को जबरदस्त नुकसान हुआ है। कहीं यह 10-15 तो कहीं 40 से 45 प्रतिशत तक है। इस बीच, केंद्र सरकार ने माना कि बारिश और ओलावृष्टि ने उप्र, मप्र, राजस्थान, पंजाब व हरियाणा सहित कई राज्यों के किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है।

केंद्र देगी मुआवजा

बारिश और ओलावृष्टि ने फसलें बर्बाद कर दी हैं। परेशान किसानों को केंद्र सरकार आपदा राहत कोष से मुआवजा देगी। किसानों के दावे के मुताबिक विभिन्न जिलों में गेहूं, सरसों, चना व अरहर की फसल में 10 से 45 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। इसी तरह आम के बौर को भी नुकसान हुआ है। किसान कह रहे हैं कि बर्बाद हुई कुछ फसल भले बच जाए, लेकिन दाने कमजोर हो जाएंगे। जहां खेत में पानी भर गया है, वहां नुकसान ज्यादा है।

वाराणसी में मौसम का हाल

कई जगह बारिश धीमी तो कहीं तेज भी हुई है। वाराणसी में तीन दिनों में 31.3 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई। गेहूं 40-45 प्रतिशत, सरसों 20-25 प्रतिशत, अरहर की 15 प्रतिशत तक फसल प्रभावित हुई। गाजीपुर में गेहूं की फसल 15 प्रतिशत, सरसों पांच और मसूर की पांच प्रतिशत फसल बर्बाद हुई है। भदोही में 40 मिमी बारिश हुई। किसानों के अनुसार 40 प्रतिशत फसल को नुकसान है। मऊ में 66 मिमी बारिश से गेहूं को 35 प्रतिशत, सरसों को 10 और चना को 15 प्रतिशत नुकसान है।

आलू के खेतों में भरा पानी

फसल नुकसान का यही हाल बलिया, चंदौली और जौनपुर में है। बलरामपुर में देर शाम जरवा बालापुर में हल्की बारिश हुई है। यहां प्रशासन ने 24 मार्च तक बारिश की चेतावनी जारी की है। लखनऊ में सोमवार तड़के तेज बारिश हुई। बाराबंकी में गेहूं, सरसों और आलू का नुकसान हुआ है। खेतों में आलू खोदा पड़ा था, जिसमें पानी भर गया। गेहूं की फसल गिर गई। अयोध्या और अंबेडकरनगर में रविवार की देर रात गरज चमक के साथ तेज हवा संग झमाझम बरसात हुई।

केला की फसल को हुआ नुकसान

अमेठी में पिछले तीन दिनों से मौसम खराब है। सीतापुर में बीते दो दिन से हो रही रिमझिम बारिश का फसलों पर भी पड़ा है। गेहूं व सरसों की फसल जहां खेतों मे बिछ गई है वहीं केला की फसल को भी नुकसान हुआ है। बहराइच में सोमवार को दिन में भी कई क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ ओले गिरे। उधर, संभल और मुरादाबाद में किसानों ने 15 प्रतिशत फसल का नुकसान होने की आशंका व्यक्त की है। बदायूं में 13 मिमी वर्षा हो चुकी है और चार प्रतिशत फसल नुकसान का अनुमान है।

10 प्रतिशत गेंहू का नुकसान

कृषि विभाग के अनुसार 10 प्रतिशत गेहूं का नुकसान हुआ। हालांकि किसान नुकसान 20 प्रतिशत से अधिक बता रहे हैं। अलीगढ़ में गेहूं व सरसों की फसल को अधिक नुकसान हुआ है। किसान 30 से 35 प्रतिशत नुकसान बता रहे हैं। ऐसे ही हालात वर्षा से प्रभावित अन्य जिलों में भी हैं।

जनहानि व पशुहानि पर मुआवजा के निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में फसलों को हुए नुकसान का आकलन कराकर किसानों को तत्काल राहत देने का निर्देश दिया है। बिगड़े मौसम से जनहानि व पशुहानि के लिए भी मुआवजा देने के लिए कहा है। उन्होंने अधिकारियों को फील्ड में रहकर स्थिति पर नजर रखने और नुकसान की भरपाई करने की हिदायत दी है। उन्होंने राहत आयुक्त को फील्ड में सर्वे कराने और समस्याओं का तत्काल निपटारा करने का निर्देश दिया है।

तत्काल करें जलभराव की समस्या का निस्तारण

वहीं प्रमुख सचिव नगर विकास को विशेष तौर पर नगरीय क्षेत्रों में जलभराव की समस्या का निस्तारण करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री के आदेश के क्रम में राहत आयुक्त प्रभु नारायण सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि फसल क्षति होने की स्थिति में वे तत्काल टीमें बनाकर इसका आकलन कराएं और उनके कार्यालय को दो दिनों में इसकी सूचना दें। उन्होंने बारिश व ओले गिरने के कारण हुई जनहानि, पशुहानि और मकानों को हुई क्षति के लिए भी पीड़ित परिवारों को राहत राशि तत्काल देने का निर्देश दिया है।

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