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क्या आप जानते हैं ,प्रसिद्ध गायक मोहम्मद रफी को गाना गाने की प्रेरणा कैसे मिली?

वीएस चौहान की रिपोर्ट

जब भी कोई व्यक्ति अपनी सफलता की बुलंदियों पर पहुंचता है।उस सफलता के पीछे उस व्यक्ति की मेहनत तो होती ही है।मगर उस मेहनत को करने के लिए उसकी शुरुआती कोई ना कोई प्रेरणा होती है।किसी भी क्षेत्र में चाहे वह खेल का क्षेत्र हो, चाहे वह बिजनेस बिजनेस का  क्षेत्र हो, चाहे राजनीति का क्षेत्र हो सभी की शुरुआत बहुत छोटे स्तर से होती है।उस शुरुआत के लिए भी उस व्यक्ति की प्रेरणा किसी भी रूप में हो सकती है।ऐसा ही एक नाम प्रसिद्ध गायक  मोहम्मद रफी है। जिन्होंने अपनी गायकी को बुलंदियों तक पहुंचाया आज भी उनके द्वारा गाए गानों को लोग  बड़े मस्त होकर सुनते हैं ।मोहम्मद रफी वह शख्सियत हैं जिन्होंने लगभग 18 भाषाओं में 4500 से अधिक गीतों को अपनी आवाज दी थी ।ऐसा माना जाता है कि मोहम्मद रफी का जन्म 24 दिसंबर 1924 को हुआ था। उनका परिवार अमृतसर पंजाब का रहने वाला था ।मोहम्मद रफी के घर का नाम फीकू था। मोहम्मद रफी के पिता का नाम  हाजी अली मोहम्मद था। मोहम्मद रफी अपने छह भाइयों में दूसरे सबसे बड़े भाई थे 1935 में उनके पिता लाहौर चले गए थे। उनके पिता एक नाई की दुकान पर काम करते थे। बचपन में मोहम्मद रफी अक्सर गाना गाया करते थे। हर व्यक्ति में कोई ना कोई कला होती है।और वह व्यक्ति अपनी इस कला को कितना निखार पाता है। यह उसके अपने प्रयास पर निर्भर करता है। करोड़ों के दिलों पर राज करने वाली मोहम्मद रफ़ी की आवाज वह उनकी अपनी मेहनत  बहुत  और कि अपने अंदर छिपी हुई उस प्रतिभा को निखारने का प्रयास का ही नतीजा थी।बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि उनको गाना गाने की प्रेरणा एक फकीर से मिली थी।दरअसल में एक फकीर उनके घर के सामने से प्रतिदिन कुछ गाते हुए गुजरता था।बचपन में मोहम्मद रफी उसी फकीर की तरह गाने का प्रयास करते थे। और यह प्रयास करते करते उन्हें गीत गाने का शौक हो गया था। और वही प्रयास फिर उनकी सफलता में बदल गया। मोहम्मद रफी ने ऐसे ऐसे गीत गाए,कि उनके गाए हुए गीतों की नकल करना बहुत मुश्किल काम है।

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