उत्तराखण्ड

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच वन विभाग के लंबित मामलों समेत कई मुद्दों पर हुई चर्चा

केंद्रीय श्रम, सेवायोजन तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र स्तर पर लंबित वन विभाग से संबंधित सभी मामलों का जल्द समाधान किया जाएगा।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट के दौरान वन विभाग के एनओसी व क्लीयरेंस से संबंधित केंद्र स्तर पर लंबित मामलों की ओर ध्यान आकृष्ट कराए जाने पर केंद्रीय मंत्री ने यह बात कही।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच वन विभाग के लंबित मामलों समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने राज्य के जंगलों में आग की घटनाओं की जानकारी भी केंद्रीय मंत्री को दी। जंगलों की आग पर नियंत्रण के प्रयासों पर भी दोनों ने चर्चा की।

केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड आस्था का प्रमुख केंद्र होने के साथ ही वन एवं पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण राज्य है। उन्होंने जानकारी दी कि उत्तराखंड भ्रमण के दौरान एफआरआइ में वन एवं पर्यावरण से संबंधित विभिन्न मामलों पर अधिकारियों से चर्चा की गई।

प्रोजेक्ट एलीफेंट और प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैंपा) के संबंध में भी अधिकारियों के साथ बैठक हुई। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उत्तराखंड को वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में केंद्र सरकार से हर संभव सहायता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री से मिले केदारनाथ के रावल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को उनके आवास पर केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने रावल से आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक मोहन सिंह मेहरा आदि भी उपस्थित थे।

बायोमीट्रिक प्रणाली से दर्ज हो कार्मिकों की उपस्थिति: धामी

प्रदेश में सभी सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमीट्रिक प्रणाली से दर्ज की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में मुख्य सचिव डा एसएस संधु को निर्देश दिए हैं। साथ में उन्होंने सभी कर्मचारियों से समय पर कार्यालय पहुंचने की अपेक्षा की है।

मुख्यमंत्री धामी सरकारी कार्यालयों में जन शिकायतों का तेजी से निपटारा चाहते हैं। मुख्यमंत्री को भेजी जाने वाली शिकायतें अब पोर्टल के माध्यम से तुरंत विभागों को पहुंचेंगी। इन शिकायतों के समाधान के लिए सरकारी कार्यालयों की कार्य संस्कृति में बदलाव आवश्यक है।

सरकार ई-आफिस, ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दे रही है। ई-आफिस का उपयोग सचिवालय में प्रारंभ किया जा चुका है। इसे प्रदेशभर में लागू किया जाना है। इस व्यवस्था के माध्यम से विभागों में जन सेवाओं की गति तेज होना तय है। साथ में समस्याओं का समयबद्ध निराकरण किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सुशासन को लेकर मुख्य सचिव के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने सरकारी कार्यालयों में कार्मिकों के समय पर पहुंचने की आवश्यकता व्यक्त की। इसके लिए कार्यालयों में बायोमीट्रिक प्रणाली अपनाने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को अविलंब बायोमीट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए।

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