उत्तराखण्ड

एयर आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ मध्य वायु कमान एयर मार्शल आरजीके कपूर ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की भेंट

देहरादून : चीन सीमा से सटे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड में हवाई सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और विस्तार पर वायुसेना और प्रदेश सरकार में सहमति बनी है।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने शुक्रवार को राजभवन में एयर मार्शल आरजीके कपूर, वायुसेना और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। राज्यपाल ने कहा कि पिथौरागढ़ का नैनी सैनी एयरपोर्ट सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।

वहां हवाई सेवाओं के सुचारु संचालित होने से पूरे कुमाऊं क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को लाभ मिलेगा। साथ ही वाइब्रेंट विलेज को विकसित के केंद्र और राज्य की सरकारों के मिशन को पूरा करने में सहायता मिलेगी। इस क्षेत्र में ओम पर्वत, आदि कैलास, कैलास पर्वत यात्रा की दृष्टि से भी यह एयरपोर्ट महत्वपूर्ण है।

एयरफोर्स और सरकार के मध्य एमओयू किया जा सकेगा

राज्यपाल ने कहा कि पर्यटन के अतिरिक्त सीमांत क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने और सामरिक दृष्टि से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से एयरफोर्स एवं प्रदेश सरकार में निरंतर विचार-विमर्श एवं समन्वय आवश्यक है। बैठक में एयरफोर्स की ओर से आग्रह किया गया कि पिथौरागढ़ एयरपोर्ट को एयरफोर्स के अधीन करने को शीघ्र एनओसी की कार्यवाही की जाए। इससे एयरफोर्स और सरकार के मध्य एमओयू किया जा सकेगा।

नागरिक उड्डयन सचिन कुर्वे ने बताया गया कि इस संबंध में राज्य सरकार सहमति व्यक्त कर चुकी है। इस संबंध में कार्यवाही चल रही है। प्रदेश के सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों में बने हेलीपैड को एयरफोर्स के उपयोग के लिए उच्चीकृत करने का भी अनुरोध किया गया। इससे एयरफोर्स के अलावा सामान्य हेली सेवाओं को भी मदद मिलेगी।

पंतनगर एयरपोर्ट को भी विस्तारित करते हुए उसमें एयरफोर्स के लिए एन्क्लेव बनाने का अनुरोध किया गया। यूकाडा के सीईओ सी रविशंकर ने बैठक में एयरफोर्स के अधिकारियों से कहा कि चिन्यालीसौड़ तथा गौचर में बनी एयरस्ट्रिप के उपयोग पर भी विचार किया जाए। बैठक में विंग कमांडर अनुज चोपड़ा, एयर कमांडर ताहिर शेख उपस्थित रहे।

उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके आवास पर एयर मार्शल आरजीके कपूर ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि प्रदेश में नए पुलों की भार क्षमता न्यूनतम 24 टन तक प्रस्तावित करना आवश्यक है। इससे एयरफोर्स और थल सेना के भारी वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सकेगी।

नए पुलों के निर्माण एवं अपग्रेडेशन में यही भार क्षमता रखी जानी चाहिए। वर्तमान में प्रदेश में पुलों की न्यूनतम भार क्षमता 17 टन है। उन्होंने बताया कि एयरफोर्स और गढ़वाल मंडल विकास निगम व कुमाऊं मंडल विकास निगम के बीच एमओयू प्रस्तावित है। इससे एयरफोर्स के अधिकारियों व कार्मिकों को केंद्र सरकार की दर पर दोनों निगमों की सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति मिल जाएगी।

एयरफोर्स को आवंटित करें 20 एकड़ भूमि

एयर मार्शल कपूर ने पिथौरागढ़ एयरफील्ड के लिए कुल 25 एकड़ जमीन में से 20 एकड़ राज्य सरकार को आवंटित करने का अनुरोध किया। उन्होंने पीएम गतिशक्ति योजना को राज्य में अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने से संबंधित विभिन्न प्रस्तावों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति के अंतर्गत राज्य सरकार के साथ समन्वय से कार्य किए जाएंगे।

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