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एक बेटी ने अपनी 90 वर्ष की विधवा बुजुर्ग मां को घर से बाहर निकाला

मेरठ से गौरव की देहरादून से वीएस चौहान की रिपोर्ट

आज के आधुनिक दौर में  ऐसा लगता है।  लोगों की भावनाएं कम हो गई है। और अधिकतर लोग  प्रोफेशनल हो गए हैं। अधिकतर लोगों का  मकसद सिर्फ एक ही होता है । एक दूसरे का किस तरह से फायदा उठा लिया जाए।यहां तक की हमारे समाज में लोग रिश्तो की कदर करना भूल गए हैं। बुजुर्गों का आदर सम्मान घटने लगा है। धन-दौलत संपत्ति ने या कहे इसके लालच ने अपने प्रिय रिश्तो को भी भुला दिया है।आज के युवा  शायद भूल गए कि कभी वह बुजुर्ग नहीं होंगे। अक्सर हम खबरें पढ़ते हैं कि एक दंपत्ति ने अपने बुजुर्ग मां या अपने बुजुर्ग बाप को घर से निकाल दिया क्योंकि धन संपत्ति का लालच पैसे का लालच कुछ भी अपराध करा देता है।यह आपने सुना होगा  कि कलयुगी बेटे और बहु ने अपने माँ-बाप को घर से बाहर निकाल दिया है । लेकिन यह मामला मेरठ के सिविल लाइंस इलाके का है जहां पर एक बेटी ने पैसे के लालच में अपनी ही 90 वर्ष की बुजुर्ग माँ को उसके ही घर से बाहर निकाल दिया।

मेरठ के सिविल लाइन्स थाना इलाके में पांडव नगर G ब्लॉक मैं रहने वाली  90 वर्ष की बुजुर्ग महिला शीला कालरा को उनकी अपनी बेटी ने ही घर से बाहर निकाल दिया ।  सूत्रों के मुताबिक दरअसल, 90 वर्ष की बुजर्ग महिला शीला कालरा के पति अमरनाथ देश की आजादी के समय आजाद हिंद फ़ौज़ में थे।जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। जिसके बाद आश्रित स्वंत्रता सेनानी की पत्नी को स्वतंत्रता सेनानी कोटे से रहने के लिए फ्लैट दिया गया था। लेकिन जब बुजुर्गमहिला की अक्सर तबीयत खराब   रहने लगी तब बुजर्ग महिला ने बीमार होने के चलते व अकेलेपन की वजह से कुछ दिनों के लिए अपनी बेटी कृष्णा कालरा को अपने साथ रहने को बुला लिया। उनकी बेटी उनके पास रहने आ गई सब कुछ ठीक चल रहा था ।लेकिन धन संपत्ति के लालच में कृष्णा कालरा का दिमाग बदल गया या कहें उनकी सोच बदल गई। जिसके बाद कलयुगी बेटी ने बैंक के कागजात के बहाने उस 90 वर्ष की बुज़र्ग महिला शीला कालरा से हस्ताक्षर करवा लिए और जिसके बाद कलयुगी बेटी ने अपनी 90 वर्ष की बुजुर्ग माँ को घर से बाहर निकाल  कर घर मे ताला लगा दिया और घर में ताला लगा कर लगाकर अपने मकान में वापस रहने चली गयी । तब से बुजुर्ग महिला पुलिस थाने से लेकर अधिकारियों तक अपने मकान के लिए चक्कर लगा रही है। इतना ही नही बुजुर्ग महिला हाथ जोड़कर पुलिस से देश की आज़ादी में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले पति की भी दुहाई देती नजर आई । मगर पुलिस मामला कोर्ट में चलने के बात कहकर मामले को टरकाते नजर आ रही थी।पुलिस की कार्यशैली से आहत होकर बुजर्ग महिला अपने घर के बाहर ही धरने पर बैठ गयी और इंसाफ की गुहार लगाने नही। बुज़र्ग महिला का कहना है। उसकी बेटी ने धोखाधड़ी की है उसे मकान वापस किया जाए या फिर एसएसपी व डीएम उसको इच्छामृत्यु की अनुमति दे ।फिलहाल मौके पर पहुँची पुलिस बुजुर्ग महिला को समझाने के प्रयास में जुटी है। फिर भी हमें उम्मीद रखनी चाहिए कि पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती। समाज में आज भी अच्छे लोग भी हैं।और अच्छे युवा भी हैं।इसे एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है।ऐसे ही कुछ गंदे भ्रष्ट व्यक्ति पूरे समाज पर कलंक लगा देते हैं ।और यदि समाज में अच्छे युवा हैं अच्छे लोग हैं।तो उनका सम्मान भी करना चाहिए ।

 

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