उत्तराखण्ड

मसूरी सरकारी जमीन पर से 84 परिवार बेघर होने की स्थिति में, हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू

मसूरी से सतीश कुमार की रिपोर्ट

24 अगस्त मसूरी  जहां मजदूरों को बड़ी आवादी शिफन कोट गाँधी चौक समीप रहती है वहां सरकारी जमीन पर  रहने वाले 84 परिवारों को प्रशासन नगर पालिका  द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस इलाके में आने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेड लगाकर पुलिस को मुस्तैद कर दिया गया ।

शिफन कोर्ट में लगभग 84 परिवारों के अवैध अतिक्रमण को हटाया जा रहा है।मसूरी के इतिहास में अतिक्रमण पर यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।सरकारी जमीन पर रहने वाले 84 परिवारों के घरों पर जेसीबी चल रही है। यह अभियान जिला प्रशासन नगरपालिका प्रशासन और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चल रहा है। दूसरी तरफ मसूरी के स्थानीय जनप्रतिनिधि और शिफॉन कोर्ट में रहने वाले 84 परिवार भूमि पर हो रही कार्रवाई का कड़ा विरोध रहे हैं।

इस संबंध में मसूरी विधायक गणेश जोशी के मुताबिक इन सभी लोगों को पहले ही सूचना दे दी गई थी क्योंकि गरीब लोग हैं इसलिए इनकी विस्थापित करने के लिए नगर पालिका से बात करके इनको उचित जगह दी जाएगी।

जानकारी के मुताबिक जिसे देखते हुए मसूरी में पुलिस बल तैनात किया गया ।पुलिस ने मसूरी गांधी चौक और शिफॉन कोर्ट को छावनी में तब्दील कर दिया गया। दरअसल बारिश के बावजूद भी अतिक्रमण की कार्यवाही जारी  रही। प्रशासन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अतिक्रमण को हर कीमत पर हटाया जाएगा।मसूरी में शिफन कोर्ट में अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ऐसे में पहले चरण में 84 अतिक्रमण में से उन लोगों के अतिक्रमण को हटाए जा रहे हैं, जिनके द्वारा स्वयं अतिक्रमण को हटाने का शपथ पत्र नहीं दिया गया है। जिनके द्वारा शपथ पत्र दिया गया है, उन्हें 10 सितंबर तक का समय दे दिया गया है। उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद पूरी कार्रवाई अमल में लाई गई है। ऐसे में न्यायालय का आदेश का हर हाल में पालन कराया जा रहा है।

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