उत्तराखण्ड

यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर जन सुझाव लेने और जनसंवाद का सिलसिला दो दिन चलेगा

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता पर बुधवार को देहरादून में जनसंवाद होगा। इसके लिए समान नागरिक संहिता का परीक्षण एवं इसे लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति का पूरा पैनल देहरादून में मौजूद रहेगा। सबसे पहले समिति राज्य के विभिन्न आयोगों के अध्यक्षों से चर्चा करेगी और उसके बाद जनता से संवाद होगा।

सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति 30 जून तक प्रदेश सरकार को अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट दे सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी समिति से यह अपेक्षा की है। इसके लिए समिति का कार्यकाल भी बढ़ाया गया है।

समिति ने सभी 12 जिलों में भ्रमण करके समाज के विभिन्न वर्गों, सामाजिक संगठनों व अन्य लोगों से सुझाव ले लिए हैं। अब विशेषज्ञ समिति देहरादून में जन संवाद करने जा रही है। जन सुझाव लेने और जनसंवाद का यह सिलसिला दो दिन चलेगा। सोमवार को विशेषज्ञ समिति ने विभिन्न आयोगों के अध्यक्षों को एनेक्सी भवन स्थित अपने कार्यालय में आमंत्रित किया है। सुबह 11 बजे से ढाई बजे तक समिति आयोगों के अध्यक्षों से राय मशविरा करेगी।

आईआरडीटी ऑडिटोरियम में जन संवाद

दोपहर तीन बजे सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरियम में जन संवाद होगा। इसमें मीडियाकर्मियों से समिति विचार-विमर्श करेगी। बृहस्पतिवार को समिति एनेक्सी भवन में ही सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगी।

यूसीसी लागू हो, महिलाओं को संपत्ति में बराबरी अधिकार मिलेः भाजपा

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि पार्टी का स्पष्ट मत है कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। पार्टी का मानना है कि राज्य की सभी महिलाओं को पैतृक संपत्ति में बराबरी का अधिकार दिया जाए। पार्टी विशेषज्ञ समिति की पहल का स्वागत करती है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सुझाव लिया जाना स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी है। पार्टी विशेषज्ञ समिति के समक्ष अपनी बात रखेगी और विचार-विमर्श करेगी।

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