उत्तराखण्ड

गढ़वाल महासभा ने इगास पर भव्य आयोजन किया, प्रीतम भरतवाण के गीतों पर थिरकते लोग

गढ़ी कैंट गढ़वाल महासभा ने इगास पर भव्य आयोजन किया। जसवंत सिंह मैदान में आयोजित समारोह में जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण के गीतों पर लोग देर रात तक थिरकते रहे। लोगों ने भैलो घुमाकर एक-दूसरे को इगास की बधाई दी।

गुरुवार को इगास पर आयोजित समारोह में शाम से ही गढ़वाली पकवान बनने शुरू हो गए। 16 प्रकार के पकवानों का लोगों ने खूब आनंद उठाया।

देर शाम जागर सम्राट प्रीतम भरवारण ने जागर और मंडाणों की प्रस्तुति दी। उन्होंने मां नंदा राज राजेश्वरी…, शिवजी का कैलाश रौंदू… समेत अन्य जागर गाए। शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए देशभक्ति गीत भी प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में पहुंचे लोगों ने मंडाणों पर जमकर नृत्य करने के साथ ही भैलो घुमाया।

कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मसूरी विधायक गणेश जोशी ने सभी को इगास की बधाई दी। इस अवसर पर महासभा के अध्यक्ष भगवान सिंह पंवार, उपाध्यक्ष बसंती राणा, महामंत्री रमेश चंद्र, संगठन मंत्री सोनी, बालम सिंह नेगी, यूथ गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष गौरव डंगवाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

स्कूली छात्रों ने धूमधाम से मनाई इगास

राजपुर रोड स्थित राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में हिमालय परिवार विकास फाउंडेशन के तत्वाधान में इगास धूमधाम से मनाया गया। स्कूल में भैलो बग्वाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्कूली छात्र, शिक्षक और अतिथियों ने भैलो घुमाकर नृत्य किया।

कार्यक्रम में मसूरी विधायक गणेश जोशी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। जोशी ने हिमालय परिवार विकास फाउंडेशन संस्था समेत सभी लोगों को इगास की बधाई दी। कार्यक्रम में जौनसारी और गढ़वाली लोकगीतों पर बच्चों ने शानदार नृत्य किया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य एमएल उनियाल, उप शिक्षा अधिकारी रायपुर मोनिका बम, संस्था के अध्यक्ष एमएस मलिक, उपाध्यक्ष हरीश कुकरेजा, मनमोहन लखेड़ा, एसपी दुबे, विकास नेगी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

इगास के सार्वजनिक अवकाश का फर्जी आदेश वायरल, एफआइआर

प्रदेश के स्थानीय त्यौहार इगास को लेकर शासन द्वारा शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा का फर्जी शासनादेश सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो गया। स्थिति यह बनी कि कुछ स्कूलों ने छुट्टी तक घोषित कर दी। सरकारी कार्यालयों से शासन में फोन घनघनाने लगे। इससे असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। इस पर शासन ने स्पष्ट किया कि इगास पर्व के दिन यानी आठ नवंबर को शासन ने कोई अवकाश घोषित नहीं किया है। इसके साथ ही इस मामले की एफआइआर साइबर थाने में दर्ज कराने के भी निर्देश दिए।

शुक्रवार को उत्तराखंड का स्थानीय पर्व इगास है।

मान्यता यह है कि भगवान राम के अयोध्या वापस आने की खबर पर्वतीय वासियों को 11 दिन बाद मिली। जिस दिन उन्हें यह खबर मिली, उसी दिन उन्होंने दीपावली मनाई। इस दिन लोग अपने ईष्ट देवी देवताओं की पूजा भी करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत तमाम गणमान्य व्यक्तियों व संगठनों ने सरकार से इगास पर्व का अवकाश रखने की मांग की थी। इस संबंध में गुरुवार को शासन में पत्रावली भी चलाई गई। इस बीच शाम को सोशल मीडिया में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के हस्ताक्षरों वाला एक फर्जी शासनादेश सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुआ।

नतीजतन, शासन से लगातार इस संबंध में जानकारी ली जाने लगी। इससे सरकारी कार्य भी बाधित होने लगा। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव राकेश जोशी ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इससे अवगत कराया और बताया कि इससे शासकीय छवि धूमिल हो रही है।

इस पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ने खंडन जारी कर वायरल हो रहे इस शासनादेश को फर्जी बताया। साथ ही स्पष्ट किया कि आठ नवंबर को कोई अवकाश नहीं है। उन्होंने इस मामले में एफआइआर दर्ज कराने के आदेश भी दिए।

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