उत्तराखण्ड

उत्‍तराखंड का महिला आरक्षण बिल राजभवन से लौटा गया, यह है कारण

कुछ तकनीकी और शब्‍दावलियों की गलतियों के चलते राजभवन ने सरकार का ध्‍यान दिलाया है और दोबारा ड्राफ्ट बनाने के लिए कहा है। राजभवन के निर्देश के अनुसार संशोधन कर बिल जल्‍द ही दोबारा अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।

क्या है महिला आरक्षण बिल

उत्तराखंड लोकसेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 के तहत राज्य में महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 20 से 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई थी।

यह प्रावधान उन महिलाओं के लिए किया जा रहा है। राज्य गठन के दौरान तत्कालीन सरकार ने 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण शुरू किया था। जुलाई 2006 में इसे 30 प्रतिशत कर दिया था।

हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी थी

इसी साल हरियाणा की पवित्रा चौहान व अन्य प्रदेशों की महिलाओं को जब क्षैतिज आरक्षण का लाभ नहीं मिला तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी थी, इसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की।

बीते 4 नबंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर आरक्षण को बरकरार रखा। राज्‍य सरकार ने इस विधेयक को सदन में पास करवाकर इसे कानूनी रूप दिया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button