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दुष्कर्म के मामले में आरोपित को सात साल की कैद
देहरादून: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपित को दोषी पाते हुए विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडे ने दोषी को सात साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
मामला वर्ष 2014 में नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में प्रकाश में आया था। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक पोक्सो भरत सिंह नेगी ने अदालत को बताया कि घटना 3 अगस्त 2014 की है।
ओम विहार में रहने वाले एक शख्स ने पुलिस को बताया कि उसकी नाबालिग बेटी लापता हो गई है। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि क्षेत्र में ही सैलून चलाने वाला आसिफ नाबालिग को भगा ले गया है।
आसिफ मूल रूप से ग्राम रंगावाला, बिजनौर का रहने वाला था। नाबालिग की बरामदगी और आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीम आरोपित के गांव बिजनौर पहुंची। यहां पता चला कि आसिफ नाबालिग को लेकर मुंबई चला गया है।
जिसके बाद पुलिस टीम ने 19 सितंबर 2014 को आरोपित आसिफ को मुंबई से गिरफ्तार कर नाबालिग को बरामद कर लिया। नाबालिग के मेडिकल में उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
मजिस्ट्रेटी बयान में भी नाबालिग ने यही बात कही। अदालत में अपने बयान में आरोपित आसिफ ने कहा कि उनके बीच जो कुछ भी हुआ वह सहमति से हुआ है। मगर अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कोई मायने नहीं रखती। जिसके बाद आरोपित को दोषी मानते हुए अदालत ने उसे सात साल की कैद और दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
