उत्तराखण्ड

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 उत्तरकाशी। सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे बचाव अभियान में लगातार चुनौती पेश आ रही है। शनिवार को सुरंग में ड्रिलिंग कार्य को रोक दिया गया। दरअसल, सुरंग बनाने के लिए पाइप बिछाने के दौरान एकाएक सुरंग के भीतर पहाड़ दरकने की तेज आवाज सुनाई दी। इससे बचाव दल के सदस्यों व अन्य व्यक्तियों में हड़कंप मच गया। इसको देखते हुए ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है।

सुरंग बनाने वाली कंपनी एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशू मनीष खुल्को ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग का कार्य फिलहाल निलंबित है। इसे रोकने के पीछे का कारण मशीन की खराबी नहीं है।

इंदौर से आ रही है मशीन

उत्तरकाशी में चल रहे इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर जानकारी देते हुए कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि ढह गई सुरंग के 40 मीटर तक शॉटक्रेटिंग (कंक्रीट छिड़काव) के साथ खुदाई का काम चल रहा है और 10 मीटर पर एक गुहा बन गई है। यहां रास्ता बनाने का काम किया जा रहा है। पाइप डाली जा रही है, जिससे फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश के इंदौर से मांगी गई एक और हेवी-ड्यूटी ड्रिलिंग मशीन शनिवार को पहुंचेगी।

एनएचआईडीसीएल कर रही है टनल का निर्माण

अधिकारी ने बताया कि एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक के शनिवार को घटना स्थल पर पहुंचने की उम्मीद है। निदेशक आएंगे और ऑपरेशन का जायजा लेंगे और जानकारी देंगे। एनएचआईडीसीएल वह कंपनी है जो इस टनल को बना रही है। 4531 मीटर लंबी सिल्क्यारा सुरंग सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की चारधाम परियोजना का हिस्सा है और राडी पास क्षेत्र के तहत गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ेगी। बता दें कि इस टनल को बनाने की लागत 853.79 करोड़ रुपये है।

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